कॉलेज का पहला दिन
कॉलेज का पहला दिन
भाग-1
सुबह होने वाली थी चिड़ियाँ के चहचाहट और कोयल के मधुर आवाज़ जब कानों में पड़ा तो मेरा नींद खुला। झटपट से उठा बैठा और मोबाइल मे समय देखा, अभी 4:30 बजने ही वाले थे। रात में देरी से सोने के कारण नींद पुरा नहीं हुआ था। रात भर यही सोचते रहे की कॉलेज का पहला दिन कैसा होगा। नये-नये लोग, नयें नये अध्यापक सब कैसे होंगे। सोचते सोचते न जाने कब नींद आ गया पता ही नहीं चला। नींद आते ही सपनों की दुनिया में खो गए और सपना में भी कॉलेज के पहले दिन का ही छवि दिखा रहा था। नये नये दोस्तों से दोस्ती किया। सभी दोस्तों ने पुरा कॉलेज का भ्रमण किया। एकाएक नींद खुला चिडीयों के चहचाहट से, उठा कर हाथ मुँह धोया और व्यायाम किया ।
उस दिन मैं सुबह-सुबह उठा और नित्य क्रिया कर जल्दी-जल्दी तैयार होने लगा। मैं पहली बार जो कॉलेज में जाने वाला था, इस लिए मन बहुत ही उतावला हो रहा था, अब जो विद्यालय के सफर समाप्त कर, अब महाविद्यालय में दाखिला लेने जा रहा था। मैं बहुत ही उत्साहित था। विद्यालय और दोस्तों को छोड़ने का गम भी था और महाविद्यालय जाने का खुशी भी। जितने भी दोस्त थे। विद्यालय छोड़ने के बाद सभी अलग-अलग महाविद्यालय में दाखिला ले रहे थे। कोई तो दूसरे शहर के महाविद्यालय में दाखिला ले रहे थे। जहाँ हम दाखिला लेने वाले थे, वहाँ मेरा अपने विद्यालय का एक ही दोस्त दाखिला ले रहा था और सभी लोग मेरे लिए अंजान थे सिवाय शिवम के इसलिए मैं उत्साहित था नए दोस्तों व नयें सहपाठियों से मिलने के लिए। सायद इसलिए मेरे अंदर एक अजब सी ऊर्जा दौड़ रहा था। इतनी सुबह उठा तो,
माँ बोली, "बेटा कहाँ जाना है जो तु इतनी सुबह-सुबह ही आज उठा गए हो"
मैं बोला, " कॉलेज जाना है माँ "
(मैं रोज 6 से 6:30 बजे तक उठता था इसीलिए माँ ने बोली, कहा जाना है। सुबह-सुबह उठने की आदत नहीं थी।)
माँ बोली, "कॉलेज क्यों जाना है तुझे"
मैं बोला, "माँ शाम को बताया था न की कल सुबह कॉलेज जाना है दाखिला के लिए"
माँ बोली, "अच्छा तो कितने बजे से जाना है। "
9 बजे ही घर से निकालूँगा, मैने बोला
(मैं पहले ही दिन लेट नहीं होना चाह रहा था इसलिए घर से 1घंटा पहले ही निकलना चाहता था तो माँ को मै 9बजे जाने के लिए बता दिया।)
फिर माँ बोली, " ठीक है, तो मैं नास्ता तैयार कर देती हूँ, नास्ता कर के ही जाना। "
मैंने बोला, "ठीक है माँ मैं नास्ता कर के जाऊंगा"
माँ फिर गृहकार्यो में लग गई। मैं अपना काम करने लगा। सारा उपयोगी प्रमाण पत्र मैं बैग में रखा और फिर स्नान करने चला गया । स्नान करके आ ही रहा था की माँ बोली, " स्नान कर लिए हो तो नास्ता कर लो।
मैने बोला, " हाँ स्नान कर लिया हूँ। "
माँ बोली, " तो नास्ता कर लो नास्ता तैयार हो गया है। "
मै बोला, " ठीक है माँ कर रहा हूँ। "
नास्ता कर के मैं घर से कॉलेज के लिए निकल गया। मै बहुत ही उत्साहित था कि अब मैं भी महाविद्यालय का हिस्सा बनने जा रहा हुँ। वहाँ नए-नए दोस्त बनेंगे। अपने ख्यालों में मस्त हो कर जा रहा था। साथ में शिवम भी था । कॉलेज कब पहुँच गया पता ही नहीं चला। लगा जैसे मैं घर से बैठा और पहुँच गया।
जब मै कॉलेज पहली बार पहुँचा तो देखा कॉलेज में काफी भीड़ थी। सभी अपने अपने कामो में व्यस्त थे। दाखिला लेने वाले खिड़की के पास काफी भीड़ थी। हम दोनो दोस्त जैसे-तैसे सबसे पहले दाखिला लेने वाली आवेदन लिया और उसे भर के जमा करने के लिए कतार में खड़ा हो गया।
कॉलेज में मेरा शिवम के अलावा कोई दोस्त नही था हम दोनों अकेले ही बैठा था। वहाँ सभी नये-नये लोग थे, न हम उनलोगों को जानता था न वे हमें जानते थे। जब हम दाखिला करवा कर कॉलेज के कैंटिन में बैठा था तो एक सीनियर लड़का हमलोगों के पास आया और पूछा क्या तुम दोनों नये छात्र हो ?
हम दोनों एक ही स्वर में बोले, "हाँ जी हम आज ही दाखिला करवाया हुँ।"
फिर उसने हम दोनों का नाम पूछा, "मैने बोला मेरा नाम राज है और इसका नाम शिवम
शिवम ने पूछा की आपका नाम क्या है ? उन्होंने अपना नाम नवल बताएं ।
मैं हम तीनों के लिए कॉफि ला कर तीनों बात करने लगे । कॉफि पाने के बाद हम दोनों कॉलेज में घुमाने के लिए नवलजी से बोला, उन्होंने हमी भर दी ।
हम दोनों को पुरा कॉलेज के सारे विभागों के बारे में बताएं और कुछ और लोगो से भी मिलवाये ।
नवलजी के एक महिला मित्र ने भी हम दोनों को नवल के साथ देख, नवल से पूछा ये दोनों कौन है ।
नवलजी ने बोले, "ये दोनो नये दाखिला लिए है
उन्होंने हम दोनों का परिचय करवायें, बोले ये है राज और ये इनके दोस्त शिवम।
राज, शिवम ये है हमारे मित्र, "तान्या"
तान्या बोलीं, हाय राज, हाय शिवम !
आप से मिलकर अच्छा लगा, शिवम ने बोला
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✍अंकित राज
आगे का भाग अगले कड़ी में
Atul Kumar
17-Oct-2021 07:44 AM
Wahh
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Rubi Kumari
14-Oct-2021 07:03 AM
Good 👍
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Shalini Sharma
12-Oct-2021 10:43 PM
Nice
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Ankit Raj
13-Oct-2021 04:50 AM
Thanks
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